सुदामा पांडेय 'धूमिल'

सुदामा पांडेय 'धूमिल'

Friday, August 18, 2017

उसके बारे में


पता नहीं कितनी रिक्तता थी-जो भी मुझमे होकर गुजरा -रीत गया
पता नहीं कितना अन्धकार था मुझमे
मैं सारी उम्र चमकने की कोशिश में
बीत गया
भलमनसाहत
और मानसून के बीच खड़ा मैं
ऑक्सीजन का कर्ज़दार हूँ
मैं अपनी व्यवस्थाओं में
बीमार हूँ

                                                                    #उसके_बारे_में / #धूमिल

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