सुदामा पांडेय 'धूमिल'
Monday, August 28, 2017
Monday, August 21, 2017
Friday, August 18, 2017
उसके बारे में
पता नहीं कितनी रिक्तता थी-जो भी मुझमे होकर गुजरा -रीत गया
पता नहीं कितना अन्धकार था मुझमे
मैं सारी उम्र चमकने की कोशिश में
बीत गया
भलमनसाहत
और मानसून के बीच खड़ा मैं
ऑक्सीजन का कर्ज़दार हूँ
मैं अपनी व्यवस्थाओं में
बीमार हूँ
#उसके_बारे_में
/ #धूमिल
Wednesday, August 16, 2017
Monday, August 14, 2017
Subscribe to:
Posts (Atom)