सुदामा पांडेय 'धूमिल'

सुदामा पांडेय 'धूमिल'

Sunday, February 14, 2010

गरीबी

गरीबी धूमिल की एक अप्रकाशित कविता है। यह एक छोटी मगर उतनी ही सशक्त कविता है। शायद ये कविता धूमिल के प्रारंभिक कवितावों में से एक है जो आज तक प्रकाशित नहीं हुई है।


एक खुली हुई किताब
जो
हर समझदार -
और
मुर्ख के हाथ में दे दी गई
कुछ उसे पढ़ते है
कुछ उसके चित्र देख
उलट
-पुलट रख देते
नीचे
- ' शो-केस ' के

1 comment:

  1. बेहतरीन...
    गज़ब है, यह अप्रकाशित थी...

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