ज्ञानपीठ सम्मान की शुरुआत भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक साहू शांतिप्रसाद जैन की पचासवीं वर्षगाँठ पर 22 मई,1961 को की गयी थी | ज्ञानपीठ सम्मान भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है | प्रथम ज्ञानपीठ सम्मान वर्ष 1965 में जी. शंकर कुरूप को प्रदान किया गया था | अब तक सर्वाधिक हिंदी के लेखकों को यह सम्मान प्रदान किया गया है, उसके बाद आठ कन्नड़ लेखकों को यह सम्मान दिया गया है | बंगाली व मलयालम भाषा के लेखकों को पाँच-पाँच बार यह सम्मान प्रदान किया गया है |ज्ञानपीठ सम्मान भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल 22 भाषाओं के भारतीय लेखकों को प्रदान किया जाता है |ज्ञानपीठ सम्मान प्राप्तकर्ता को 11 लाख रुपये और ज्ञान व विद्या की देवी ‘सरस्वती’ की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है| वर्ष 1982 से पूर्व यह सम्मान लेखक की किसी एक कृति के लिए प्रदान किया जाता था, लेकिन उसके बाद से यह सम्मान भारतीय साहित्य में आजीवन योगदान के दिया जाने लगा |
Year |
Jnanpith Award winners |
Language |
1968 |
Sumitranandan
Pant |
Hindi |
1972 |
Ramdhari Singh
Dinkar |
Hindi |
1978 |
Sachchidananda
Hirananda Vatsyayan ‘Ajneya’ |
Hindi |
1982 |
Mahadevi Varma |
Hindi |
1992 |
Naresh Mehta |
Hindi |
1999 |
Nirmal Verma |
Hindi |
2005 |
Kunwar Narayan |
Hindi |
2009 |
Amar Kant |
Hindi |
2009 |
Shrilal Shukla |
Hindi |
2013 |
Kedarnath Singh |
Hindi |
2017 |
Krishna Sobti |
Hindi |